Saturday, 20 September, 2025г.
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ये चालीसा रोज सुनने से वैष्णोदेवी यात्रा का पुण्य मिलता है | श्री वैष्णोदेवी चालीसा

ये चालीसा रोज सुनने से वैष्णोदेवी यात्रा का पुण्य मिलता है | श्री वैष्णोदेवी चालीसाУ вашего броузера проблема в совместимости с HTML5
ये चालीसा रोज सुनने से वैष्णोदेवी यात्रा का पुण्य मिलता है | श्री वैष्णोदेवी चालीसा चालीसा के बोल : ।। दोहा ।। गरूड़ वाहिनी वैष्णवी, त्रिकुटा पर्वत धाम । काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ।। ।। चौपाई ।। नमो नमो वैष्णो वरदानी । कलिकाल में शुभ कल्यानी ।। मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी । पिंडी रूप में हो अवतारी ।। 1।। देवी-देवता अंष दियो है । रत्नाकर घर जन्म लियो है ।। करी तपस्या राम को पाऊं । त्रेता की शक्ति कहलाऊं ।। 2।। कहा राम मणि पर्वत जाओ । कलियुग की देवी कहलाओ ।। विष्णु रूप से कल्की बनकर । लूंगा शक्ति रूप बदलकर ।। 3।। तब तक त्रिकुटा घाटी जाओ । गुफा अंधेरी जाकर पाओ ।। काली लक्ष्मी सरस्वती मां । करेंगी पोषण पार्वती मां ।। 4।। ब्रह्मा, विष्णु शंकर द्वारे । हनुमत, भैंरो प्रहरी प्यारे ।। रिद्धि, सिद्धि चंवर डुलायें । कलियुग वासी पूजन आवें ।। 5।। पान सुपारी ध्वजा नारियल । चरणामृत चरणों का निर्मल ।। दिया फलित वर मां मुस्काई । करन तपस्या पर्वत आई ।। 6।। कलि-काल की भड़की ज्वाला । इक दिन अपना रूप निकाला ।। कन्या बन नगरोटा आई । योगी भैरों दिया दिखाई ।। 7।। रूप देख सुन्दर ललचाया । पीछे-पीछे भागा आया ।। कन्याओं के साथ मिली मां । कौल-कंदौली तभी चली मां ।। 8।। देवा माई दर्षन दीना । पवन रूप हो गई प्रवीणा ।। नवरात्रों में लीला रचाई । भक्त श्रीधर के घर आई ।। 9।। योगिन को भण्डारा दीना । सबने रूचिकर भोजन कीना ।। मांस, मदिरा भैरों मांगी । रूप पवन कर इच्छा त्यागी ।। 10।। बाण मारकर गंगा निकाली । पर्वत भागी हो मतवाली ।। चरण रखे आ एक षिला जब । चरण-पादुका नाम पड़ा तब ।। 11।। पीछे भैरों था बलकारी । छोटी गुफा में जाय पधारी ।। नौ माह तक किया निवासा । चली फोड़कर किया प्रकाषा ।। 12।। आद्या शक्ति-ब्रह्म कुमारी । कहलाई मां आदि कुंवारी ।। गुफा द्वार पहुंची मुस्काई । लांगुर वीर ने आज्ञा पाई ।। 13।। भागा-भागा भैरों आया । रखा हित निज शस्त्र चलाया ।। पड़ा शीष जा पर्वत ऊपर । किया क्षमा जा दिया उसे वर ।। 14।। अपने संग में पुजवाऊंगी । भैरों घाटी बनवाऊंगी ।। पहले मेरा दर्षन होगा । पीछे तेरा सुमरन होगा ।। 15।। बैठ गई मां पिण्डी होकर । चरणों में बहता जल झर-झर ।। चौंसठ योगिनी-भैरों बरवन । सप्तऋषि आ करते सुमरन ।। 16।। घंटा ध्वनि पर्वत बाजे । गुफा निराली सुन्दर लांगे ।। भक्त श्रीधर पूजन कीना । भक्ति सेवा का वर लीना ।। 17।। सेवक ध्यानूं तुमको ध्याया । ध्वजा व चोला आन चढ़ाया ।। सिंह सदा दर पहरा देता । पंजा शेर का दुःख हर लेता ।। 18।। जम्बू द्वीप महाराज मनाया । सर सोने का छत्र चढ़ाया ।। हीरे की मूरत संग प्यारी । जगे अखण्ड इक जोत तुम्हारी ।। 19।। आष्विन चैत्र नवराते आऊं । पिण्डी रानी दर्षन पाऊं ।। सेवक ‘षर्मा‘ शरण तिहारी । हरो वैष्णो विपत हमारी ।। 20।। ।। दोहा ।। कलियुग में महिमा तेरी, है मां अपरम्पार । धर्म की हानि हो रही, प्रगट हो अवतार ।। __________ #SanskarGold #VaishnodeviChalisa #वैष्णोदेवीचालीसा YouTube पर विशेष भक्ति सामग्री के लिए बेहतरीन गंतव्यों में आपका स्वागत है। विश्वास, धर्म, भक्ति ये केवल शब्द नहीं हैं, वे हमारे अधिकांश के लिए जीवन का एक तरीका हैं। हमारे जैसे बहु सांस्कृतिक देश में, हमारे पास सद्भाव में एक साथ रहने वाले विभिन्न धर्मों के विश्वासियों और अनुयायियों हैं। हम में से अधिकांश के लिए, धर्म वह है जो हम अभ्यास करते हैं या नियमित रूप से पालन करना चाहते हैं; यही कारण है कि हमारा भक्ति चैनल इस आवश्यक आवश्यकता को पूरा करता है। भजन से लेकर लाइव आरती तक, भक्ति गीत दुनिया भर में दर्शकों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए प्रीमियम भक्ति सामग्री प्रदान करता है।। इसके अलावा, यह गाने, आरती, भजन, मंत्र, और बहुत कुछ जैसे धार्मिक संगीत सामग्री सुनने और समर्पित करने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। भारत की पवित्र भूमि से भक्ति गीत, आरती, भजन और श्लोकों के साथ अपनी आत्मा को ऊपर उठाएं। प्रतिदिन इस तरह के मनभावन वीडियो की सूचना पाने के लिए हमारे चैनल की सदस्यता लें। (Subscribe करें)
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