_*बाप से समश्या का सावधान क्यों पूछ नही पाते, कारण? क्यों शिकायत करते बाबा हमे समाधान नही मिलता?? हर समय तो मधुबन में नही रहते फिर हम क्या करे? कोई समाधान तुरन्त मिलता है?? जो समस्या जीवन मे आते है, वो समस्याओं का सावधान मिलते है? फिर क्या करे??*_
★ _बाप तो बाहर रहते है, हमारे घर मे तो रहते नही है, की कोई बात, कोई प्रश्न, कोई समश्या सावधान करने के लिए बुद्धि में आये, तो हम बाप से घर मे रहने वाले बाप से झट से पूछ लें... हाँ? *बाप घर मे रहते है? हाँ? नही रहतेे। तो फिर क्या करे? चलो, बाप तुम्हारे घर मे नही रहते, लेकिन तुम तो बाप के घर मे रह सकते हो। बाप के घर को अपना घर बना सकते है? तो बोला-- चलो, बाप बाहर रहते है, ये बात तो सही है। बच्चे घर मे ही रहते।* तो *कितने बच्चे है जो बाप के घर मे रहने के लिए पक्का कृत संकल्प कर चुका है और है भी रहे है, हाँ?? कहते है हमें समस्या का सावधान मिलता ही नही है। हम पूरा पुरुषार्थ कैसे करे? हाँ??* *हमारा संपर्क ही नही हो पाता। संपर्क तो हल्की चीज़ है। सम्बन्ध जोड़ना गेहरी चीज़ है।* सम्बन्ध कैसे जोड़ेंगे जब हम संपर्क में ही न बने? तो बाप क्या कहते?? बाप बाहर जरूर रहते हैम जरूर रहते या नही बाहर रहते? लेकिन बच्चे घर मे रहते है कि नही? नही रहते? तो बाप की घर ने रहे। बाप ने मना कर दिया?? फिर क्यों नही रहते? *फिर शिकायत क्यों करते हमे समश्या का सावधान ही नही मिलता, बाप के घर है मधुबन। मधुबन खुले हुए है। मधुबन में मुरलिया बाजे, वो तो ठीक है। हर समय तो मधुबन में नही रहते फिर हम क्या करे? कोई समाधान तुरन्त मिलता है?? जो समस्या जीवन मे आते है, वो समस्याओं का सावधान मिलते है? दुनिया में तो ऐसे गुरु बहुत है। बाप ने तो बता दिया- बाप का घर है मधुबन। मधुबन में मुरलीया बाजे। बाप किससे बात करेंगे? बच्चों से। तो बच्चे जो घर मे रहते है, उसे पहले बात करेंगे जो अपना धन्धा धोरी अलग बनाया हुआ है, उनसे बात करेंगे?? जो बाप का धन्दा सो बच्चों का धन्धा होना चाहिए।*_ (time 2.56.38-) vcd 2349.