Bharat Milap : Ramlila Dandni, Uttarakhand श्री रामलीला, दांदणी Ep-09
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11:26 "राम भक्त ले चला रे राम की निशानी”
श्री राम – भरत मिलाप : कौशल राज्य का राजपद त्यागकर राजकुमार भरत का मुकुट के स्थान पर श्री राम की “चरण पादुका” अपने सिर पर रखना..
यह एक ऐसा चित्र है जो सदियों से हर भारतीय के ह्रदय में अंकित है. और भ्रात्र प्रेम की पराकाष्ठा को दर्शाता है.. श्री राम को अयोध्या वापस लाने जब भरत के साथ राजकुल व अयोध्यावासी जाते हैं तब भी श्री राम अपने कठोर धर्म का पालन करते हुए अयोध्या का राज्य अस्वीकार कर देते हैं. भरत हारकर अपना साम्राज्य अपने भाई के चरणों में अर्पण कर, स्वयं वनवास धारण करने के लिए अयोध्या लौट आते हैं.. एवं श्री राम से यह वचन ले लेते हैं कि चौदह वर्ष बाद वह अपना शासन वापस प्राप्त करेंगे...
प्रस्तुत दृश्य में भाई की भाई के प्रति करुणा एवं पारंपरिक गढ़वाली रामलीला के कुछ गायन जैसे “पिताजी थे दुखी भाई कहो क्या उनकी हालत है”, “हम जायेंगे वन दोनों भाई, तुम जाओ अवध रघुराई” की झलक देखने को मिलती है.. साथ ही रामनंद सागर कृत रामायण का अमर संगीत “राम भक्त ले चला रे राम की निशानी” इस सम्पूर्ण घटनाक्रम को अन्त में चरितार्थ कर देते हैं..
जय श्री राम..
Sri Ram in his infinite mercy gave Bharat the Sandals (charan-paduka), With a reverence so deep did Bharat Place it on His Head. Ram’s True devotee Carried his Lord’s Emblem. Sandals on his Head, Tears in his eyes..