बेगुसराय धर्म परिवर्तन विवाद: मनोज ने क्यों बदला धर्म? क्या है पूरा मामला? देखिए
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गिरिराज सिंह ने हिंदुत्व को बचाने के लिए जिससे गुहार लगाई वहाँ पहुँचा एबीपी न्यूज़.
बेगूसराय शहर रहने वाले मनोज पासवान की उम्र लगभग 50 साल हैं.साल 1997 में शादी हुई उसके बाद बेटी ने जन्म लिया.मनोज बताते हैं कि बड़ी बेटी के बाद दो बेटियों ने बीमारी की वजह से दम तोड़ा.
दायें हाथ से विकलांग मनोज की कुल 6 बेटियाँ और एक बेटा है जबकि इससे पहले तीन बेटियों की मौत हो चुकी है.साल 2011 में छोटी बेटी की मौत के बाद मनोज को कुछ लोगों के साथ चर्च गए.जिसके बाद मनोज बताते हैं कि वहाँ जाने से स्थिति बेहतर होने लगी.
किसी दबाव में नहीं बदला धर्म:
मनोज से हमने कई बार जानने की कोशिश की क्या उन्होंने धर्म किसी के दबाव में बदला है इस पर उनका जवाब था नहीं.मनोज के मुताबिक़ ना तो उन्हें किसी ने पैसे दिए और ना ही किसी ने दबाव बनाया.मनोज का भरोसा ईसाई धर्म में बना और उनहोने धर्म बदल लिया.हालाँकि उनकी पत्नी गीता का कहना है कि जब घर पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा था तब कोई सगे-संबंधियों ने मदद नहीं की.ना ही कोई मंत्री-नेता उनके पास पहुँचा.
क्या था गिरिराज सिंह का बयान :
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने संसदीय क्षेत्र में धर्म को लेकर दिया बयान कहा हिंदू धर्म सबसे बड़ा कोई धर्म नहीं। आज हमें कोई इसाई बनाना चाहते जबरदस्ती। देश को जरूरत है कानून बनाने का, धर्म परिवर्तन करने वाले को नसीहत देते हुए श्री सिंह ने कहा जिसमें कोई लोभ देखकर किसी का धर्म परिवर्तन ना करें. धर्म से बड़ा कोई चीज नहीं है.